Earth9 भारत/अनुज तिवारी
इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, रमजान का महीना खुद पर नियंत्रण एवं संयम रखने का महीना होता है। गरीबों के दुख-दर्द को समझने के लिए रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय द्वारा रोजा रखने की परंपरा है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान के महीने में रोजा रखकर दुनिया में रह रहे गरीबों के दुख-दर्द को महसूस किया जाता है।ऐसे में ताबर निवासी मोहम्मद आलमगीर अंसारी के बेटे अब्दुल समाद उर्फ़ आहिल ने रखा रोज़ा ऐसे में अब्दुल समाद उर्फ आहिल के पिता ने कहा मुझे बहुत ही गर्व महसूस हो रहा है कि मेरा बेटा आहिल इस उम्र में रमजान के पवित्र महीने में रोज़ा रखा एवं पवित्रता को समझा इसके लिए मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। अल्लाह आहिल को उज्ज्वल अता फरमाए