भारतीय संस्कृति और सभ्यता को सर्वमान्य रखकर स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों पर संचालित विवेकानंद विद्या मंदिर कुन्दरी में आज 14 अप्रैल 2025 को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी का जयंती बड़े धूमधाम से मनाया गया । बाबा साहेब के तस्वीरों पर पुष्प अर्पित करके उनके नेक कार्यो एवं राष्ट्र के प्रति भावना को छात्रों को बताया गया। बाबासाहेब बी आर अंबेडकर ने न सिर्फ भारत को संविधान देकर एक महान लोकतंत्र की नींव रखी बल्कि देश के करोड़ों दलितों और वंचितों की प्रगति का मार्ग भी प्रशस्त किया। डॉ. बीआर अंबेडकर एक प्रसिद्ध राजनीतिक नेता, दार्शनिक, लेखक, अर्थशास्त्री, न्यायविद्, बहु-भाषाविद्, धर्म दर्शन के विद्वान और एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने भारत में छूआछूत और सामाजिक असमानता के उन्मूलन के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका मानना था कि अस्पृश्यता को हटाए बिना राष्ट्र की प्रगति नहीं हो सकती है। वह भारत में दलितों व पिछड़े वर्गों को मसीहा थे। दलित व पिछड़े लोग उन्हें बाबासाहेब कहकर बुलाते थे। बाबासाहेब ने भारत के संविधान निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाई जिसके चलते उन्हें संविधान का जनक भी कहा जाता है।

विवेकानंद विद्या मंदिर कुन्दरी के शिक्षक एवं छात्रों के समूह ने एक शोभायात्रा राष्ट्रीय ध्वज एवं संविधान के साथ मे निकाली। विद्यालय का छात्र उज्ज्वल कुमार बाबा साहेब के भेष में भारतीय संविधान के साथ आगे चल रहा था एवं बाबा साहेब एवं भारत माता की जय के नारे के साथ अनुशासन सहित छात्रों ने भ्रमण किया।
विद्यालय के संचालक कमलेश सिंह ने बताया कि विद्यालय सेवाभाव का स्थल है जहां पर जाति धर्म सम्प्रदाय से आगे आकर बच्चों को शिक्षा दिया जाता है। छात्रों को पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक, राष्ट्रीयता कर्तव्यों को भी सिखाना चाहिए ताकि आने वाले कल में भारत का इतिहास और महापुरुषों को आम जनमानस स्मरण रखें। भारत की एकता और अखंडता को मजबूत बनाए रखना है। इस अवसर विद्यालय के प्रधानाचार्य शुभम ठाकुर, शिक्षिका बबिता, ज्योति, सुहानी, माया, चंचला, ऋद्धि, सिद्धि, जोगेन्द्र, अश्विनी, मंजू इत्यादि मौजूद रहे।



